प्राचीन भारत का इतिहास

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प्राचीन भारत का इतिहास– UKSSSC/UKPCS की प्रतियोगी परीक्षाओं में “प्राचीन भारत का इतिहास” से सम्बधित प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षाओं के दृष्टिकोण से के “प्राचीन भारत का इतिहास” महत्वपूर्ण तथ्य

प्राचीन भारत के ऐतिहासिक स्त्रोत से सम्बधित महत्वपूर्ण तथ्य

किसी व्यक्ति, समाज अथवा देश से सम्बधित महत्पूर्ण, विशिष्ट व सार्वजनिक क्षेत्र की घटनाओं, तथ्यों आदि का कालक्रमिक विवरण इतिहास कहलाता है।

इतिहास का पिता किस कहा जाता है
हेरोडोटस

प्राचीन भारत के इतिहास से सम्बधित प्रथम वास्तविक पुस्तक किसे माना जाता है
राजतरंगिणी

उत्कीर्ण चिन्ह वाले प्राचीनतम सिक्के क्या कहलाते हैं
आहत सिक्के

सिक्कों के अध्ययन को मुद्राशास्त्र कहा जाता है।

भारत में प्रागैतिहासिक खोज प्रारम्भ करने का श्रेय किसे दिया जाता है
डॉ. प्राइमरोज को

प्राचीन भारत इतिहास को जानेने क लिए किन स्त्रोतों का प्रयोग किया जाता है
धार्मिक ग्रन्थ, ऐतिहासिक ग्रन्थ, पुरातात्विक-साक्ष्य तथा विदेशी विवरण

ब्राह्मी लिपि को सर्वप्रथम किस विद्वान ने पढ़ा था
जेम्स प्रिंसेप

भारत के प्राचीनतम ग्रन्थ वेदों का संकलनकर्ता किसे माना जाता है
महर्षि कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास

भारतीय प्रागैतिहासिक अध्ययन से सम्बधित प्री-हिस्टारिक इण्डिया किसकी कृति है
स्टुअर्ट पिग्गट

चीनी यात्रियों ने अपने यात्रा वृत्तांतों में भारत के लिए किस शब्द का प्रयोग किया है
इन-तु

उत्कीर्ण लेखों के अध्ययन को क्या कहा जाता है
अभिलेखाशास्त्र

लिपियों के विकास के अध्ययन को पुरालिपि विद्या कहा जाता है।

सर्वप्रथम भारतवर्ष नाम का उल्लेख किस अभिलेख से प्राप्त हुआ था
हाथीगुम्फा अभिलेख से

प्राचीन भारत का सर्वप्रथम सुनियोजित इतिहास किसने तैयार किया
वी.ए. स्मिथ ने

पौराणिक मान्यता के अनुसार भारत के पा्रचीनतम राजा कौन थे
वेवश्वत मनु

वायु पुराण में किस वंश का उल्लेख है
गुप्त वंश

कौटिल्य के अर्थशास्त्र से किस वंष के इतिहास की जानकारी मिलती है
मौर्य वंश

जैन धर्म का प्रारम्भिक इतिहास किस ग्रंथ से प्राप्त होता है
कल्पसूत्र से

मत्सय पुराण किस वंश से सम्बधित है
आंध्र सातवाहन वंश से

विष्णु पुराण किस वंश से सम्बधित ग्रंथ है
मौर्य वंश

खरोष्ठी लिपि किस प्रकार लिखी जाती थी
दाएं से बाएं ओर

नारद स्मृति मे किस वंश के विषय में जानकारी मिलती है
मनुस्मृति

स्मृति ग्रंथों में सबसे प्राचीन एवं प्रामाणिक पुस्तक कौन सी मानी जाती है
मनुस्मृति

स्त्री को पुरुष की अर्द्धांगिनी किस ग्रंथ में कहा गया है
शतपथ ब्राह्मण में

महाभारत का प्रारम्भिक उल्लेख आश्वलायन गृहसूत्र में मिलता है। प्रारम्भ में इसमें मात्र 8800 श्लोक थ और इसका नाम जय-संहिता था। कुछ समय पश्चात् यह बढ़कर 24000 श्लोक हो गया और भारत नाम से प्रसिद्ध हुआ। अन्त में एक लाख श्लोक होने के कारण इसे शतसाहस्री संहिता या महाभारत कहा जाने लगा।

परालेख विद्या से क्या अभिप्राय है
शिलालेखो का अध्ययन

पुरावशेष का महानतम अन्वेषक किसे माना गया है
डार्विन को

इब्नबतूता का यात्रा-वृत्तांत किस नाम से प्रसिद्ध है
रेहला

ह्नेनसांग ने किस विश्वविद्यालय में बौद्ध धर्म का अध्ययन किया था
नालन्दा विश्वविद्यालय

बौद्ध स्तम्भ लेख से किसकी जानकरी मिलती है
शुंग काल की

ह्नेनसांग ने अपनी यात्रा वृत्तांत का वर्णन किस पुस्तक में किया है
सी-यू-की

अरबी भाषा की पुस्तक किताब-उल-हिन्द की रचना किसने की थी
अलबरुनी

मोरक्को का यात्री इब्नबतूता भारत मे मुहम्मद बिन तुगलक के दरबार में आया था तथा तुगलक ने उसे दिल्ली का काजी नियुक्त किया था।

मार्को पोलो द्वारा किस राज्य की यात्रा का उल्लेख मिलता है
पाण्ड्य राज्य की

पतंजलि के महाभाष्य से किस वंश के इतिहास का पता चलता है
शुंग वंश का

प्रमुख अभिलेख व शासक

अभिलेखशासक
हाथीगुम्फाकलिंग नेरश खारवेल
ऐहोलपुलकेशिन
नासिकगौतमी बलश्री
जूनागढरुद्रदामन
प्रयाग स्तभ
समुद्रगुप्त
मन्दसौरमालवा नेरश यशोवर्मन
ग्वालियरप्रतिहार नरेश भोज
देवपाड़ाबंगाल शासक विजयसेन
भितरी व जूनागढ़स्कंदगुप्त
प्रमुख अभिलेख व शासक

चीनी लेखकों का वर्णन

लेखकसमय रचनाएँयात्री विवरण
फाह्यान399-314 ई.भारत दशा का विवरणयह प्रथम चीनी यात्री था, जिसने चन्द्रगुप्त द्धितीय विक्रमादित्य के समय भारत की यात्रा की थी। इसने समुद्रगुप्त में वस्तु विनिमय का माध्यम कौड़ियाँ तथा चन्द्रगुप्त मौर्य के राजाप्रसाद (राजमहल) को देवनिर्मित बताया है।
ह्नेनसांग629-645 ई.सि-यू-की (पाश्चात्य संसार के लेख)ह्नेनसांग सम्राट हर्षवर्द्धन के समय भारत आया। इसने हर्ष को शिलादित्य की उपाधि से विभूषित किया। इस यात्रियों का रजकुमार, शाक्य मुनि, नीति का पण्डित कहा जाता है।
इत्सिंग673-675 ई.प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षुओं की आत्मकथाएँचीनी बौद्ध यात्री जो नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययनरत रहा।
चीनी लेखकों का वर्णन

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