उत्तराखण्ड भौतिक संरचना पर आधारित प्रश्न – उत्तराखण्ड के UKSSSC/UKPCS की प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले उत्तराखण्ड भौतिक संरचना पर आधारित प्रश्न का विस्तृत विवरण सहित उपलब्ध करवाया जा रहा है जिससे सभी परीक्षार्थीयों को परीक्षा में मदद मिलेगी।
1. उत्तराखण्ड के किस भाग में पातालतोड़ या स्त्रोत कूप पाए जाते हैं-
A.भाभर में
B. तराई में
C.शिवालिक पहाड़ियों में
D.उपरोक्त में से कोई नहीं
पातालतोड़ या स्त्रोत – यह एक भूमिगत पानी वाला एक सीमित जलभूत होता है जिसका जल पंप किये बिना ही एक कुएं के माध्यम से ऊपर की तरफ प्रवाहित होता है, ऐसे कुंओ को पातालतोड़ या स्त्रोत कहा जाता है। प्राकृतिक दबाव की मात्रा उचित होने पर पानी जमीन की सतह तक भी पहुंच सकता है।
तराई क्षेत्र
- यह क्षेत्र भी नदियों द्वारा लाये गये महीन कणों वाली अवसादों से बना हुआ है लेकिन इस क्षेत्र में वर्षा अधिक होने के कारण यह भूमि ढलान(तराई) व दलदली है।
- हरिद्वार में गंगा के मैदानी क्षेत्र के उत्तर में व पौड़ी गढ़वाल तथा नैनीताल जिलों के दक्षिण क्षेत्र व उ०सि०नगर जिले के अधिकांश क्षेत्र को तराई क्षेत्र कहा जाता है।
- इस क्षेत्र का विस्तार- 20-30 KM
- उत्पादित फसलें- अधिक वर्षा होने के कारण अधिक पानी चाहने वाली फसलों का उत्पादन अधिक होता है जैसे- धान, गन्ना।
- इस क्षेत्र में पातालतोड़ कुएँ पाये जाते हैं।
- यह क्षेत्र गंगा के समतल मैदानी क्षेत्र का हिस्सा है। इस क्षेत्र का निर्माण गंगा व आदि नदियों द्वारा प्रवाह में लाये गये महीन छोटे-छोटे कणों वाले अवसाद(मिट्टी, कीचड़ तथा बालू) से हुआ है।
- इस क्षेत्र में होने वाली फसलें- धान,गेंहू,गन्ना आदिइस क्षेत्र में दक्षिणी हरिद्वार का अधिकांश भाग,लक्सर,रुड़की आदि इसी क्षेत्र में आते हैं।
2. निम्न में से किस स्थान को पहाड़ों की रानी के नाम से जाना जाता है-
A.मसूरी
B.नैनीताल
C.अल्मोड़ा
D.उत्तरकाशी
- नैनीताल – झीलों की नगरी
- अल्मोड़ा – बाल मिठाई का घर
3. किंगरी-बिंगरी, नीति, शैल-शाल और धर्मा क्या है-
A.पर्वत
B.झील
C.दर्रें
D.उपरोक्त में से कोई नहीं
4. राज्य की सबसे ऊँची हिमाच्छादित चोटी है
A.नन्दा देवी
B.कामेट
C.चंगोरी
D.त्रिशूल
5. फूलों की घाटी स्थित है-
A.शिवालिक क्षेत्रों में
B.वृहत् हिमालय क्षेत्र में
C.मध्य हिमालय क्षेत्र में
D.ट्रांस हिमालय क्षेत्र में
6. राज्य में दून कहा जाता है-
A.नदी घाटियों को
B.संरचनात्मक घाटियों को
C.अल्पाइन घास मैदान को
D.संकरी घाटियों को
दून (द्वार) क्षेत्र
- शिवालिक श्रेणियों के उत्तर और मध्य हिमालय के दक्षिण, अर्थात् शिवालिक और मध्य हिमालय के बीच पाई जाने वाली प्रायः 24 से 32 किमी. चौड़ी व 350 से 750 मी. तक ऊंची चौरस व क्षैतिज घाटियों के पश्चिम व मध्य भाग में दून तथा पूर्व भाग में द्वारा कहा जाता है।
- देहरा (देहरादून), कोठारी व चौखम (पौड़ी), पतली एंव कोटा (नैनीताल), पछवा, पूर्वी, चंदी व हर की आदि राज्य की प्रमुख दून हैं।
- इस क्षेत्र में प्रवाहित आसन, सुसवा आदि नदियां लघु हिमालाय के दक्षिणी ढालों से ज्यादा मात्रा में उपजाऊ अवसाद लाकर निक्षेपित करती है।
- दून क्षेत्र में औसत वार्षिक वर्षा 200-250 सेमी. है।
- दून घाटियों में भूस्खलन की घटनाएं अधिक होती है। ये भूस्खलन प्रायः लघु या मध्य हिमालय श्रेणी में आते हैं।
7. राज्य में सर्वाधिक औसत वर्षा वाला क्षेत्र है-
A.मसूरी
B.नरेन्द्रनगर
C.कोटद्वार
D.गंगोत्री
8. शिवालिक श्रेणियों की ऊंचाई है-
A.850-1200 मी.
B.750-1000 मी.
C.750-1500 मी.
D.750-1300 मी.
9. लघु हिमालय किसके मध्य स्थित है-
A.ट्रांस और महान हिमालय
B.शिवालिक और महा हिमालय
C.ट्रांस व शिवालिक हिमालय
D.शिवालिक व बाह्य हिमालय
लघु या मध्य हिमालयी क्षेत्र
- आशिंक हिमाच्छादित होने के कारण इस क्षेत्र को हिमंचल या हिम का आंचल भी कहा जाता है।
- यह क्षेत्र दून क्षेत्र के उत्तर व वृहत हिमालयी क्षेत्र के दक्षिण में पाया जाता है यह क्षेत्र देहरादून, उत्तरकाशी, पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, नैनिताल, अल्मोड़ा, चम्पावत आदि 9 जिलों तक विस्तारित है।
- इस क्षेत्र को चौड़ाई-70 से 100 km तक है व औसतन ऊंचाई 1200 से 4500 मीटर है।
- लघु हिमालय व शिवालिक क्षेत्र अलग करने वाली फाल्ट लाइन Maine boundary thrust(MBT मुख्य सीमा भ्रंश) कहलाती है।
- काल की दृष्टि से ये पर्वत प्री-कैस्बियन तथा पैलियाजोइक काल के चट्टानों से बने हैं, जिसमें स्लेट, चूना पत्थर, शैल, र्क्वाट्ज, नीस, ग्रेनाइट आदि चट्टानों की अधिकता पायी जाती है।
- इस हिमालयी क्षेत्र से सरयू, रामगंगा, लधिया, नयार आदि नदियां निकलती हैं।
- इस क्षेत्र के दक्षिणी भाग में अनेक ताल पाये जाते हैं-नोकुछिया ताल, सातताल, भीमताल, खुरपाताल, पूनाताल,आदि।
- इस पर्वत श्रेणी के ढालों पर छोटे-छोटे घास के मैदान पाये जाते हैं, जिन्हें कुल्लू में थच, कश्मीर में मर्ग (गुलमर्ग, सोनमर्ग, टनमर्ग) और उत्तराखण्ड में बुग्याल एवं पयार कहा जाता है। इन्हें पशुचारकों का स्वर्ग भी कहा जाता है।
- घाटियों में धान, गेहूँ, ज्वार, मक्का एवं सब्जियों की खेती की जाती है। यहां अलकनन्दा की घाटी चुआ ज्वार के लिए प्रसिद्ध है तो अल्मोड़ा मक्का के लिए।
- इस क्षेत्र का लगभग 45-60% भाग वनाच्छादित है इस क्षेत्र में शीतोष्ण कटिबंधीय प्रकार के कोणधारी सघन वन पाये जाते हैं जिनमें चीड़, फर, देवदार, साल, प्रमुख हैं।
10. निम्न में से सही विकल्प चुनें
- राज्य का निचला हिमलायी क्षेत्र अधिक आबादी वाला है
- बाह्य हिमालयी क्षेत्र मुख्यतः वनाच्छादित है
- भाबर क्षेत्र (पाद प्रदेश) में मृदा के छोटे निक्षेप मिलते हैं
A. A और B सही है
B. B व C सही है
C. A व C सही है उपर्युक्त सभी
11. राज्य का सबसे प्रसिद्ध दून निम्न मे से कौन है-
A.कोठरी
B.चोखम
C.पतली
D.देहरा
12. राज्य के कितने जिले चीन (तिब्बत) से सीमा बनाते हैं-
A.1
B.2
C.3
D.4
•चीन – उत्तरकाशी, चमोली पिथौरागढ़
13. निम्न में से किस श्रेणी में जीवश्म मिलते हैं-
A.बाह्य हिमालय
B.मध्य हिमालय
C.वृहद् हिमालय
D.ट्रांस हिमालय
शिवालिक क्षेत्र
- इस क्षेत्र में छोटी छोटी,ऊंची-नीची पर्वत पहाड़ियां पायी जाती हैं।
- इस क्षेत्र को बाह्य हिमालय या हिमालय का पाद भी कहा जाता है यह पर्वत श्रेणी हिमालय के सबसे बाहरी(दक्षिण) छोर पर स्थित है।
- शिवालिक क्षेत्र की चौड़ाई- 10-50KM
- इस क्षेत्र के पर्वत श्रृंखला की चोटियों की ऊंचाई- 700 से 1200 मीटर
- इस श्रेणी का क्रम हिमालयी नदियों द्वारा जगह-जगह खंडित कर दिया गया है। जैसे-टिहरी, हरिद्वार में गंगा द्वारा, देहरादून में यमुना द्वारा आदि के द्वारा। अतः इस क्षेत्र में भूस्खलन तथा भारी कटाव के कारण गहरी घाटियां पायी जाती है।
- खनिज की दृष्टि से यह क्षेत्र महवत्वपूर्ण है। देहरादून के मंदारसू, बाड़कोट तथा ऋषिकेश के पास डोलोमाइट चट्टानों से चूने मिलते है, जिसका उपयोग सीमेन्ट बनाने में किया जाता है। इसके अलावा इस क्षेत्र में अच्छे किस्म के बालू, संगरमर, जिप्सम, फॉस्फेटिक शैल आदि खनिज मिलते हैं।
- शिवालिक क्षेत्र व भाबर क्षेत्र को अलग करने वाली फाल्ट लाइन को HFF-himalayan frunt galt (हिमालयन अग्र सीमा) कहा जाता है।
- यह क्षेत्र हिमालय का सबसे नवीन भाग है जिसका निर्माण 1.75 लाख से 3 करोड़ वर्ष पूर्व हुआ इसका निर्माणकाल मायोसीन युग से प्लाइस्टोसीन युग तक माना गया है।
- इस श्रेणी के नवीन होने के कारण इसमें जीवाश्म मिलते हैं।
- इस क्षेत्र में अधिकांश पर्यटन केंद्र हैं।
- इस क्षेत्र का ग्रीष्मकालीन तापक्रम 29.4 से 32.80 डिग्री सेंटीग्रेड है तथा शीतकालीन तापमान 4.40 से 7.20 डिग्री सेंटीग्रेड है।
- औसत वार्षिक वर्षा- 200 से 250 cm
- इस क्षेत्र के अंतर्गत दक्षिणी देहरादून,दक्षिण उतरी हरिद्वार, दक्षिण टिहरी, मध्यवर्ती पौड़ी, दक्षिण अल्मोड़ा, मध्यवर्ती नैनीताल व दक्षिण चम्पावत आदि 7 जिले आते हैं आते हैं।
14. किस हिमालयी क्षेत्र में वर्षा काल मे सर्वाधिक वर्षा होती है-
A.उच्च हिमालय
B.बाह्य हिमालय
C.आन्तरिक हिमालय
D.उपरोक्त में से कोई नहीं
15. नंधौर दून किस जनपद में स्थित है
A.ऊधमसिंहनगर
B.नैनीताल
C.गढ़वाल
D.हरिद्वार
16. निम्न में से किस तिथि को उत्तराखण्ड में हिमालय दिवस मनाया जाता है-
A.9 सितम्बर
B.5 सितम्बर
C.15 सितम्बर
D.5 अक्टूबर
17. कौन- सा ऑपरेशन ’उत्तराखण्ड’ से सम्बधित है
A.ऑपरेशन केदार
B.ऑपरेशन बद्री
C.ऑपरेशन चोटी
D.ऑपरेशन सूर्य होप
ऑपरेशन सूर्य होप
- आपरेशन सूर्य होप उत्तराखंड में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हजारों यात्रियों को निकालने और उन्हें खाद्य सामग्री पहुंचाने के लिए भारतीय सेना द्वारा चलाए जा रहे अभियान का नाम।
- आपरेशन सूर्य होप भारतीय सेना द्वारा चलाए जा रहे अभियान का नाम हैण् जिसका उदेश्य उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हजारों यात्रियों को बाहर निकालना और उन्हें खाद्य सामग्री पहुंचाना है आपरेशन सूर्य होप उत्तरकाशीए चमोलीए रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में 19 जून 2013 से प्रारम्भ किया गया।
18. उत्तराखण्ड में भाबर पेटी में निम्न में से किस प्रकार की जलवायु दशाएं है-
A.अप्लाइन
B.उपोष्ण
C.उष्ण
D.शीतोष्ण
19. उत्तराखण्ड के निम्न जनपदों में से कौन-सा नेपाल की सीमा से लगा हुआ है-
A.पौड़ी गढ़वाल
B.चमोली
C.पिथौरागढ़
D.बागेश्वर
20. शिवालिक के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में वृक्ष पाए जाते हैं-
A.बुरांश
B.बांस
C.चीड़
D.ये सभी
21. उत्तराखण्ड का हरियाणा को स्पर्श करने वाला एकमात्र जिला है-
A.देहरादून
B.अल्मोड़ा
C.ऊधमसिंहनगर
D.नैनीताल
22. उत्तराखण्ड की सबसे पूर्वी एवं उत्तरी सीमा किन देशों से मिलती है-
A.नेपाल एवं चीन
B.चीन एवं बांग्लादेश
C.नेपाल एवं म्यामांर
D.बांग्लादेश एवं पाकिस्तान
23. भौगोलिक रूप से उत्तराखण्ड को कितने भागों में बांटा गया है-
A.5
B.7
C.8
D.10
भौगोलिक विभाजन
- गंगा का मैदानी क्षेत्र
- तराई क्षेत्र
- भाबर क्षेत्र
- शिवालिक क्षेत्र
- दून (द्वार) क्षेत्र
- लघु या मध्य हिमालयी क्षेत्र
- वृहत् या उच्च हिमालयी क्षेत्र
- ट्रांस हिमालयी (टिबियान) क्षेत्र
24. गंगा का मैदानी क्षेत्र निर्मित है-
A.कांप मृदा
B.बालू
C.कीचड़
D.ये सभी
गंगा का मैदानी क्षेत्र
यह क्षेत्र गंगा के समतल मैदानी क्षेत्र का हिस्सा है। इस क्षेत्र का निर्माण गंगा व आदि नदियों द्वारा प्रवाह में लाये गये महीन छोटे-छोटे कणों वाले अवसाद(मिट्टी, कीचड़ तथा बालू) से हुआ है।
इस क्षेत्र में दो प्रकार की मिट्टी पायी जाती है-
1.बांगर- पुरानी जलोढ़ मिट्टी
2.खादर-नवीन जलोढ़ मिट्टी
इस क्षेत्र में होने वाली फसलें- धान,गेंहू,गन्ना आदि
इस क्षेत्र में दक्षिणी हरिद्वार का अधिकांश भाग,लक्सर,रुड़की आदि इसी क्षेत्र में आते हैं
25. तराई क्षेत्र को कहा जाता है-
A.तरीवाला क्षेत्र
B.मौनाक क्षेत्र
C.प्रस्तर क्षेत्र
D.मध्य हिमालय
26. भाबर क्षेत्र के उत्तर में स्थित पहाड़ियों को किस नाम से जाना जाता है-
A.दूधातोली
B.शिवालिक
C.लघु हिमालय
D.इनमे से कोई नहीं
भाबर क्षेत्र
- इस क्षेत्र की भूमि उबड़-खाबड़ व मोटे-मोटे कंकड़, मिट्टी बालू युक्त है।
- इस क्षेत्र का निर्माण प्लीस्टोसीन युग में शिवालिक से उतरने वाली बेगवती नदियाँ द्वारा बहाकर लाये गये वजनी अवसादों (कंकड़, पत्थर, मोटे बाले) के निक्षेप से हुआ है।
- यह क्षेत्र तराई क्षेत्र की उत्तर में व शिवालिक क्षेत्र के दक्षिण में है।
- इस क्षेत्र की चौड़ाई- 10-12 KM
- इस इस क्षेत्र की मिट्टी कृषि के लिए अनुपयुक्त है। अतः यहाँ ज्यादातर जंगली झाड़ियाँ एवं अन्य प्राकृतिक वनस्पतियां पायीं जाती है। कहीं कहीं भूमि को कृषि योग्य बनाकर थोड़ी बहुत खेती भी की जाती है।
27. निम्न में से किस श्रेणी की नवीनता के कारण इसमें जीवाश्म मिलते हैं-
A.बाह्य हिमालय
B.मध्य हिमालय
C.वृहत् हिमालय
D.ट्रांस हिमालय
28. उत्तराखण्ड में वृहत् हिमालय क्षेत्र की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है-
A.सतोपन्थ
B.नन्दा देवी
C.कामेट
D.द्रोणागिरी
वृहत् या उच्च हिमालयी क्षेत्र
- यह क्षेत्र लघु हिमालय के उत्तर में व ट्रांस हिमालय के दक्षिण में स्थित है।
- इसकी चौड़ाई- 15-30 km, औसतन ऊंचाई-6000-7000m
- इस क्षेत्र की सबसे ऊंची पर्वत श्रखंला – नन्दादेवी पश्चिमी(7817m)
- यह क्षेत्र उत्तराखंड के 6 जिलों में फैला हुआ है- उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी,रुद्रप्रयाग, बागेश्वर व पिथोरागढ़।
- इस क्षेत्र के विशाल हिमनद (ग्लेशियर) प्लाइस्टोसीन युग के हिमाच्छादन का साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं। इन हिमनदों को हिमानियां, बर्फ की नदियां व बमक आदि नामों से भी जाना जाता है। इन्हीं में से अनेक नदियों का जन्म हुआ है।
- इस क्षेत्र ने विशाल हिमनद(ग्लेशियर) पाये जाते हैं-गंगोत्री, पिंडारी, मिलम ग्लेशियर।
- विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी इसी क्षेत्र में हैं।
- वृहत हिमालय व लघु हिमालय को अलग करने वाली फॉल्ट लाइन को Main central thrust (MCP मुख्य केंद्रीय भ्रंश) कहा जाता है.
- इस क्षेत्र में 12-13 हजार फीट से ऊपर प्राकृतिक वनस्पतियों का नितांत अभाव है तथा 12-10 हजार फीट के बीच झाड़ियां व घास के मैदान पाये जाते हैं व 10 हजार फीट के नीचे फर,चीड़ साल, सागौन आदि के पेड़ पाये जाते हैं।
- यहां के मूल निवासी भोटिया लोग ग्रीष्मकालीन में इस क्षेत्र में जो,गेंहू, मक्का आदि की खेती करते हैं।
- यहाँ के निवासियों का प्रमुख कार्य पशुपालन है तथा इसके साथ ही हस्तशिल्प, खाल, जड़ी-बूटी, आदि से सम्बधित व्यवसाय भी करते हैं।
29. उत्तराखण्ड में ट्रांस हिमालयी क्षेत्र की पर्वत श्रेणियों को किस नाम से जाना जाता है-
A.शिवालिक श्रेणी
B.हिमाद्री श्रेणी
C.जैक्सर श्रेणी
D.श्योक श्रेणी
ट्रांस हिमालयी (टिबियान) क्षेत्र
- ट्रांस का अर्थ होता है – के पार , अर्थात ‘ हिमालय के पार स्थित भू – भाग ‘ ट्रांस हिमालय कहलाता है इसका कुछ भाग उत्तराखंड में तथा शेष तिब्बत में स्थित है |
- इस क्षेत्र की चौड़ाई- 20 से 30 km
- औसतन ऊंचाई- 2500-3500m
- इस क्षेत्र में मुख्यतः तीन जिले आते है- उत्तरकाशी, चमोली व पिथौरागढ़।
- ट्रांस हिमालय व महान हिमालय के बीच फाल्ट लाइन(जो लाइन ट्रांस व महान हिमालय को अलग करती है) को”इंडो सांगको भ्रंश” कहते हैं।
30. उत्तराखण्ड में किस क्षेत्र का कुछ हिस्सा तिब्बत (चीन) के नियंत्रण में है-
A.दून क्षेत्र
B.भाबर क्षेत्र
C.ट्रांस हिमालय क्षेत्र
D.लघु हिमालय
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