उत्तराखण्ड की जनसंख्या :- जनगणना 2011 पर आधारित प्रश्न
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उत्तराखण्ड राज्य की जनगणना 2011 की कार्ययोजनाओं का प्रारम्भ भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त, भारत सरकार तथा उत्तराखण्ड शासन द्वारा गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से किया गया। यह जनगणना 2001 के पश्चात् 15वीं जनगणना है जिसे 31 मई, 2013 को जारी किया गया।
1- 2011 की जनगणना के अनुसार किस जनपद में सबसे कम प्रतिशत प्रशिक्षित है–
A.चमोली
B.देहरादून
C.नैनीताल
D.ऊधमसिंहनगर
उत्तराखण्ड में साक्षरता
- जनगणना 2011 के आँकड़ों के अनुसार उत्तराखण्ड की औसत साक्षरता दर 78.82 है, जो कि सम्पूर्ण देश के औसत आरक्षण दर (73.00) से अधिक है।
- 2011 के अनुसार राज्य में पुरुष साक्षरता 87.40 प्रतिशत और महिला साक्षरता 70.0 प्रतिशत है।
- औसत साक्षरता की दृष्टि से उत्तराखण्ड भारत में 17वाँ तथा पुरुष एवं महिला साक्षरता की दृष्टि से क्रमशः 13वाँ व 17वाँ स्थान है।
- सर्वाधिक पुरुष साक्षरता रूद्रप्रयाग 93.90 प्रतिशत व सबसे कम हरिद्वार 81.04 प्रतिशत है।
- सर्वाधिक महिला साक्षरता देहरादून 78.54 प्रतिशत सबसे कम उत्तरकाशी में 62.35 प्रतिशत है।
- सर्वाधिक साक्षरता वाले जिले – देहरादून (84.25), नैनीताल (83.88), चमोली (82.65), एवं पिथौरागढ़ (82.25)
- सबसे कम साक्षरता वाले जिले – ऊधमसिंहनगर (73.10), हरिद्वार (73.43), उत्तरकाशी (75.8) व टिहरी (76.36)
- राज्य में ग्रामीण साक्षरता 76.31 प्रतिशत व नगरीय साक्षरता 84.45 प्रतिशत
2- 2011 के अनुसार राज्य का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला जनपद है-
A.अल्मोड़ा
B.देहरादून
C.हरिद्वार
D.ऊधमसिंहनगर
कुल जनसंख्या
- जनगणना 2011 के अनुसार राज्य की कुल जनसंख्या 1,00,86,292 है, जिसमें पुरूष की जनसंख्या 51,37,773 (50.93) व महिलाओं की जनसंख्या 49.48.519 (49.07) है।
- राज्य की जनसंख्या देश की कुल जनसंख्या का 0.83 प्रतिशत है। जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तराखण्ड देश के कुल क्षेत्रफल का 1.69 प्रतिशत है।
- सर्वाधिक जनसंख्या वाले जिले – हरिद्वार, देहरादून, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल व पौड़ी गढ़वाल
- सबसे कम जनसंख्या वाले जिले – रूद्रप्रयाग, चम्पावत, बागेश्वर एवं उत्तरकाशी व चमोली
3- 2011 के अनुसार सर्वाधिक साक्षरता दर वाला जनपद है–
A.उत्तरकाशी
B.देहरादून
C.नैनीताल
D.पौड़ी
4- 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में पुरुष व महिला साक्षरता है–
A.87.82% व 70.00%
B.83.1% व 59.5%
C.83.8% व 59.2%
D.83.6% व 59.3%
5- 2011 के अनुसार राज्य में औसत साक्षरता दर है–
A.79.63%
B.87.40%
C.78.82%
D.75.80%
6- 2011 के अनुसार निम्न में किसमें जनसंख्या वृद्धि दर ऋणात्मक रही
A.अल्मोड़ा
B.पिथौरागढ़
C.रूद्रप्रयाग
D.उत्तरकाशी
7- 2011 के अनुसार सर्वाधिक नगरीकृत जिला है
A.हरिद्वार
B.नैनीताल
C.देहरादून
D.टिहरी
8- 2011 के अनुसार उत्तराखण्ड सबसे लिंगानुपात वाला जिला कौन सा है–
A.अल्मोड़ा
B.रूद्रप्रयाग
C.पौड़ी
D.पिथौरागढ़
लिंगानुपात
- प्रति हजार पुरूषों पर स्त्रियों की संख्या को लिंगानुपात कहा जाता है। 2001 की जनगणना के अनुसार उत्तराखण्ड में लिंगानुपात 962 था जोकि 2011 में बढ़कर 963 हो गया है।
- देश के राज्यों में उत्तराखण्ड 13वें स्थान पर है।
- राज्य में सर्वाधिक लिंगानुपात अल्मोड़ा (1139) और सबसे कम हरिद्वार (880) है।
- राज्य के सर्वाधिक लिंगानुपात वाले 04 जिले– अल्मोड़ा, रूद्रप्रयाग (1114), पौड़ी गढ़वाल (1103) एवं बागेश्वर (1090)
- सबसे कम लिंगानुपात – हरिद्वार (880), देहरादून (902), ऊधमसिंहनगर (920), एवं नैनीताल (934)। राज्य में केवल इन्हीं जिलों में लिंगानुपात राष्ट्रीय औसत (940) से कम है। शेष 9 जिलों का लिंगानुपात राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
- लिंगानुपात में सर्वाधिक वृद्धि टिहरी व नैनीताल में और सर्वाधिक कमी चम्पावत में हुई है।
- 2011 में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लिंगानुपात 1000 व शहरी क्षेत्रों में 884 पाया गया है।
9- 2011 के अनुसार निम्न में से किसकी आबादी न्यूनतम है–
A.उत्तरकाशी
B.रूद्रप्रयाग
C.बागेश्वर
D.चम्पावत
10- 2011 के अनुसार 2001-11 के दौरान राज्य में जनसंख्या वृद्धिदर रही है
A.20.41%
B.19.71%
C.18.75%
D.18.81%
दशकीय वृद्धिदर
- 2011 की जनगणना की अनुसार 2001-11 के दौरान राज्य में जनसंख्या का दशकीय वृद्धिदर 18.81% रहा, जो कि इसी अवधि के राष्ट्रीय औसत (17.70%) से अधिक है।
- दशकीय वृद्धिदर में देश की सभी राज्यों में उत्तराखण्ड का 18वाँ स्थान है।
- राज्य में सर्वाधिक दशकीय वृद्धिदर 1971-81 के दौरान था। (27.45%)
- सर्वाधिक दशकीय वृद्धिदर वाला जिला ऊधमसिंहनगर तथा सबसे कम दशकीय वृद्धिदर वाला जिला पौड़ी रहा है।
- सर्वाधिक दशकीय वृद्धिदर वाले जिले – ऊधमसिंहनगर, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और चम्पावत
- सबसे कम दशकीय वृद्धिदर वाले जिले – पौड़ी गढ़वाल, अल्मोड़ा, टिहरी गढ़वाल, बागेश्वर व पिथौरागढ़
11- 2011 के अनुसार 2001-11 के दौरान दशकीय वृद्धिदर मे सर्वाधिक बढ़ोत्तरी हुई है
A.हरिद्वार में
B.देहरादून में
C.ऊधमसिंहनगर में
D.नैनीताल में
12- 2011 के अनुसार राज्य में औसत लिंगानुपात है–
A.963
B.956
C.956
D.943
13- 2011 के अनुसार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता है–
A.71.62
B.76.31
C.78.82
D.84.45
14- 2011 की जनगणना के अनुसार निम्न में से किसे जिले की जनसंख्या सबसे कम है
A.चमोली
B.बागेश्वर
C.रूद्रप्रयाग
D.चम्पावत
15- 2011 के अनुसार सर्वाधिक महिला साक्षरता वाला जिला है
A.उत्तरकाशी
B.देहरादून
C.नैनीताल
D.पौड़ी
16- 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या मे नैनीताल का स्थान है
A.दूसरा
B.तीसरा
C.चौथा
D.छठा
17- उत्तराखण्ड का जनसंख्या घनत्व है
A.159 व्यक्ति/वर्ग किमी
B.165 व्यक्ति/वर्ग किमी
C.170 व्यक्ति/वर्ग किमी
D.उपरोक्त में से कोई नहीं
जनघनत्व
- एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र मे निवास करने वाले व्यक्तियों की औसत संख्या को जनघनत्व कहते हैं। जनगणना 2001 के अनुसार उत्तराखण्ड का जनसंख्या घनत्व 159 था, जो 2011 में बढ़कर 189 हो गया।
- राष्ट्रीय स्तर पर जनघनत्व 382 है।
- देश के राज्यों में जनघनत्व के मामले में उत्तराखण्ड 25वें स्थान पर है।
- सर्वाधिक जनघनत्व वाला जिला हरिद्वार 801 और सबसे कम जनघनत्व वाल जिला उत्तरकाशी है।
- सर्वाधिक जनघनत्व में वृद्धि हरिद्वार तथा सबसे कम वृद्धि अल्मोड़ा मे हुई।
18- उत्तराखण्ड के किस जनपद की जनसंख्या सबसे अधिक है
A.चमोली
B.पौड़ी गढ़वाल
C.हरिद्वार
D.उत्तरकाशी
19- उत्तराखण्ड में निम्न में से किस जनपद की पुरुष जनसंख्या सबसे अधिक है
A.चमोली
B.अल्मोड़ा
C.देहरादून
D.हरिद्वार
20- जनगणना 2011 के अनुसार, उत्तराखण्ड में देश की आबादी का कितना प्रतिशत निवास करता है
A.0.83
B.0.95
C.1.5
D.2.0
21- उत्तराखण्ड में महिला साक्षरता दर क्या है
A.88.33
B.70.70
C.79.63
D.71.20
22- 2011 के अनुसार सर्वाधिक महिला साक्षरता वाला जनपद है
A.उत्तरकाशी
B.देहरादून
C.नैनीताल
D.बागेश्वर
23- 2011 की जनगणना के अनुसार साक्षरता में उत्तराखण्ड का देश में कौन-सा स्थान है
A.17वाँ
B.18वाँ
C.19वाँ
D.20वाँ
24- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तराखण्ड राज्य में न्यूनतम साक्षरता दर किस जिलें में थी
A.उत्तरकाशी
B.टिहरी गढ़वाल
C.हरिद्वार
D.ऊधमसिंहनगर
25- लिंगानुपात की दृष्टि से उत्तराखण्ड भारत में किस स्थान पर है
A.13वें
B.17वें
C.25वें
D.20वें
26- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या घनत्व के संबंध में उत्तराखण्ड का भारत में स्थान है–
A.25वां
B.27वां
C.28वां
D.29वां
27- उत्तराखण्ड में सर्वाधिक शिशु लिंगानुपात किस जिलें में है–
A.अल्मोड़ा
B.पिथौरागढ़
C.बागेश्वर
D.हरिद्वार
28- देश के सभी राज्यों में नगरीकरण में उत्तराखण्ड का स्थान है
A.21 वां
B.23 वां
C.20 वां
D.25 वां
29- सर्वाधिक ग्रामीण जनसंख्या प्रतिशत वाला जिला है–
A.देहराूदन
B.बागेश्वर
C.पिथौरागढ़
D.चमोली
30- ग्रामीण क्षेत्रों में लिंगानुपात है
A.1000
B.990
C.986
D.963
उत्तराखण्ड में पलायन
- उत्तराखण्ड में ग्रामीण क्षेत्रों से हो रहा पलायन एक गंभीर समस्या है | 2001 तथा 2011 की जनगणना के आकड़ों की तुलना में राज्य के पर्वतीय ज़िलों मे जनसंख्या वृधि बहुत धीमी गति से देखी जा रही है| 2001 और 2011 के बीच अल्मोड़ा तथा पौड़ी गढ़वाल जनपदों की आबादी मे गिरावट राज्य के कई पहाड़ी क्षेत्रों से लोगों के बड़े पैमाने पर पलायन की और इशारा करती है|
- पलायन की गति ऐसी है की कई ग्रामों की आबादी दो अंको में रह गयी है| आकड़े दर्शाते हैं की देहरादून,उधमसिंह नगर, नैनीताल और हरिद्वार जैसे जनपदों मे जनसंख्या वृधि दर बढ़ी है, जबकि पौडी तथा आलमोरा जनपदों मे यह दर नकारात्मक है| टिहरी ,बागेश्वर,चमोली,रुद्रप्रयाग तथा पिथौरागढ़ जनपदों में असामान्य रूप से जनसंख्या वृधि दर काफ़ी कम है|
- उत्तराखण्ड सरकार ने समस्या के सभी पहलुओं की जांच करने के लिए अगस्त 2017 में ग्रामीण विकास और पलायन आयोग का गठन किया है, जो राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के केंद्रित विकास के लिए एक दृष्टिकोण विकसित करेगा , ज़मीनी स्तर पर बहु-क्षेत्रीय विकास पर सरकार को सलाह देगा, जिला और राज्य स्तरों पर सरकार को विभिन्न अन्य संबंधित मामलों को भी प्रस्तुत करेगा।
उत्तराखण्ड पलायन आयोग की संरचना है:
1- अध्यक्ष मुख्यमंत्री
2- उपाध्यक्ष एक
3- सदस्य पाँच
4- सदस्य सचिव प्रमुख सचिव / सचिव ग्रामीण विकास
5- एडिशनल सदस्य सचिव अपर सचिव, ग्रामीण विकास
क्र0 सं0 | नाम | पदनाम |
1 | डॉ0 एस0 एस0 नेगी | उपाध्यक्ष |
2 | श्री रामप्रकाश पैन्यूली | सदस्य |
3 | श्री सुरेश सुयाल | सदस्य |
4 | श्री दिनेश रावत घण्डियाल | सदस्य |
5 | श्री अनिल सिंह साही | सदस्य |
6 | श्रीमती रंजना रावत | सदस्य |
आयोग के कार्य होंगे:
आयोग के कार्य होंगे:
1- राज्य के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से प्रवास की मात्रा और सीमा का आकलन करने के लिए।
2- राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के केंद्रित विकास के लिए एक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए, जो कि पलायन को कम करने में मदद करेगा और ग्रामीण आबादी के कल्याण और समृद्धि को बढ़ावा देगा।
3- सरकार को ज़मीनी स्तर पर बहु-क्षेत्रीय विकास पर सलाह देने के लिए जो जिला और राज्य स्तरों पर एकत्रित होगा।
4- राज्य की आबादी के उन वर्गों पर सिफारिशें प्रस्तुत करना जो आर्थिक प्रगति से पर्याप्त रूप से लाभान्वित नहीं होने के जोखिम में हैं।
5- उन क्षेत्रों में केंद्रित पहलों की सिफारिश करना और उन पर निगरानी रखना जो ग्रामीण क्षेत्रों के बहु-क्षेत्रीय विकास में मदद करेंगे और इस तरह से पलायन की समस्या को कम करने में मदद करेंगे।
6- राज्य सरकार द्वारा उसे सौंपे गए किसी अन्य मामले पर सिफारिशें प्रस्तुत करना
उत्तराखण्ड की जनसंख्या :- जनगणना 2011 पर आधारित प्रश्न PDF
उत्तराखण्ड की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रतिदिन के करेंट अफेयर्स व उत्तराखण्ड सामान्य ज्ञान