उत्तराखण्ड की जनसंख्या जनगणना(2011) – II

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उत्तराखण्ड की जनसंख्या जनगणना(2011) – II : उत्तराखण्ड की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उत्तराखण्ड सामान्य ज्ञान सीरीज के अंतर्गत “उत्तराखण्ड की जनसंख्या जनगणना(2011) –II” हिन्दी में उपलब्ध है। उत्तराखण्ड की जनसंख्या जनगणना(2011) – II से सम्बधित कई प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है। “उत्तराखण्ड: जनसंख्या (2011 जनगणना) – II” का पहला भाग इस पोस्ट के माध्यम से उपलब्ध है।

लिंगानुपात

  • किसी भी राष्ट्र प्रदेश अकबर नगर क्षेत्र में प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या को लिंग अनुपात कहते हैं। प्रदेश में लिंगानुपात अत्यधिक अस्थिर पाया जाता है। वर्ष 2001 की जनगणना के समय उत्तराखंड राज्य का लिंगानुपात 962 था जो वर्ष 2011 की जनगणना में 963 हो गया है।
  • जबकि राष्ट्रीय औसत 943 है जिसके अनुसार लिंगानुपात की दृष्टि से उत्तराखंड का देश में 13 स्थान है। जनपद अल्मोड़ा (1139) तथा जनपद हरिद्वार (880) लिंगानुपात की दृष्टि से क्रमशः प्रथम तथा अंतिम पायदान पर हैं।
क्र.सं.जनपदलिंगानुपात
(2001)
लिंगानुपात
(2011)
1अल्मोड़ा11451139
2रूद्रप्रयाग11151114
3पौड़ी गढ़वाल11061103
4बागेश्वर11061090
5टिहरी गढ़वाल10491078
6पिथौरागढ़10311020
7चम्पावत1021980
8चमोली10161019
9उत्तरकाशी941958
10नैनीताल906934
11ऊधमसिंहनगर902920
12देहरादून887902
13हरिद्वार865880
उत्तराखण्ड962963

साक्षरता

किसी क्षेत्र का सामाजिक विकास आर्थिक प्रगति तथा राजनीतिक परिपक्वता क्षेत्र के नागरिकों की शिक्षा एवं उनके जीवन स्तर पर निर्भर करती है। क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के प्रकार नगरीकरण की प्रगति शिक्षा प्राप्ति की सुविधाएं रहन-सहन का उच्च स्तर पर आर्थिक विकास का स्तर आवागमन एवं संचार साधनों का विकास एवं सरकारी नीति आदि ऐसे कार्य के जिनका प्रभाव क्षेत्र की साक्षरता पर पड़ता है। प्रदेश में साक्षरता का स्वरूप अधिकांश भाग पवित्र होते हुए भी देश के अन्य भागों की तुलना में संतोषप्रद है।

वर्षव्यक्तिपुरुषमहिला
195118.9332.154.78
196118.0528.177.33
198146.0662.3525.00
199157.7572.7941.63
200171.683.359.6
201178.8287.4070.00
उत्तराखण्ड962963
  • उपरोक्त पालिका से स्पष्ट है कि राज्य की औसत साक्षरता में सर्वाधिक भर्ती 1961 से 71 के मध्य हुई है। 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार राज्य की औसत साक्षरता 78.82% है जबकि देश की इसी अवधि में साक्षरता दर 73% है। स्पष्ट है कि साक्षरता की दृष्टि से राज्य राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य से उच्च पायदान पर है।
  • राज्य की साक्षरता दर 78.82% है के अंतर्गत पुरुषों की साक्षरता दर 87.40% प्रतिशत तथा महिलाओं की 70% है। यह आंकड़े राष्ट्रीय और 70 से अधिक है। एक दशक में महिला साक्षरता में 10.4% तथा पुरुष साक्षरता में 420 की भर्ती महिला सशक्तिकरण का संदेश देती है।
क्र.सं.जनपद(कुल साक्षरता)
%
पुरुषमहिला
1 देहरादून84.2589.4078.54
2नैनीताल83.8890.0777.29
3चमोली82.6593.4072.32
4पिथौरागढ़82.2592.7572.29
5पौड़ी गढ़वाल82.0292.7172.60
6रूद्रप्रयाग81.3093.6070.35
7अल्मोड़ा80.4792.8669.93
8चम्पावत79.8391.6168.05
9बागेश्वर80.0192.3369.03
10उत्तरकाशी75.8188.7962.35
11टिहरी गढ़वाल76.3689.7664.28
12हरिद्वार73.4381.0464.79
13ऊधमसिंहनगर73.1091.0964.45
उत्तराखण्ड96287.4963
  • औसत साक्षरता की दृष्टि से उत्तराखंड देश का 70 वां राज्य है। विगत सख्त 2001 से 2011 की सर्वाधिक पुरुष साक्षरता रुद्रप्रयाग जनपद सत्ता न्यूनतम जनपद हरिद्वार रही है। महिला साक्षरता के आंकड़े जनपद देहरादून को प्रथम तथा उत्तरकाशी जनपद को अंतिम पायदान पर रखते हैं। राज्य में ग्रामीण साक्षरता दर 70.31% तथा नगरिया साक्षरता की औसत दर राष्ट्रीय दशमलव 84.45% है।
  • औसत साक्षरता की दृष्टि से उत्तराखंड देश का 70 वां राज्य है। विगत सख्त 2001 से 2011 की सर्वाधिक पुरुष साक्षरता रुद्रप्रयाग जनपद सत्ता न्यूनतम जनपद हरिद्वार रही है। महिला साक्षरता के आंकड़े जनपद देहरादून को प्रथम तथा उत्तरकाशी जनपद को अंतिम पायदान पर रखते हैं। राज्य में ग्रामीण साक्षरता दर 70.31% तथा नगरिया साक्षरता की औसत दर राष्ट्रीय दशमलव 84.45% है।

ग्रामीण एवं नगरीय जनसंख्या

पर्वतीय क्षेत्रों की प्रतिकूल परिस्थितयाँ, ग्रामीण अधिवासों को लम्बे समय तक टिकने नहीं देती। निरंतर भूस्खलन, हिमवर्षा, भूकंप, आकस्मिक बाढ़ आदि दैवी आपदायें ग्राम-स्थापना के स्थायित्व को चुनौती देती रही हैं। 1981 से अंतिम दो दशकों में अपेक्षाकृत सुरक्षा उपायों की वृद्धि से ग्राम्य आधिवासों की संख्या में वृद्धि हुई हैं, किन्तु रोजगार की अनुपलब्धता के कारण पलायन होने से कई छोटे- छोटे गाँव अपना अस्तित्व खो बैठे हैं जिसके परिणामस्वरुप 2011 की जनगणना में वर्ष 2001 की तुलना में गाँवों की संख्या कम हो गई है।

क्र.सं.जनपदग्रामीण (2011)नगरीय (2011)
1उत्तरकाशी30578124305
2चमोली33220959396
3टिहरी गढ़वाल54879270139
4देहरादून 754753941941
5पौड़ी गढ़वाल574568112703
6रूद्रप्रयाग2323609925
7पिथौरागढ़41383469605
8अल्मोड़ा56019262314
9नैनीताल582871371734
10बागेश्वर2508199079
11चम्पावत 22130538343
12ऊधमसिंहनगर1062142586760
13हरिद्वार1197328693094
उत्तराखण्ड70369543049338
  • उपरोक्त तालिका के अनुसार राज्य की 69.77 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामों में तथा मात्र 30.23 प्रतिशत जनसंख्या नगरीय अधिवासों में निवास करती है। वर्ष 2001-2011 के मध्य नगरीकरण में 4.56 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित है। नगरीकरण में देश के सभी राज्यों में उत्तराखण्ड 20वें पायदान है।
  • तालिका के अनुसार राज्य का सर्वाधिक नगरीय स्वरुप देहरादून (55.52%) तथा न्यूनतम नगरीय परीदृश्य बागेश्वर (3.49%) में है, जहाँ सबसे अधिक प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या है। वर्ष 2011 की जनगणना में राज्य के एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों की स्थिति के अनुसार देहरादून सबसे अधिक जनसंख्या (5,74,840) वाला नगर है तथा रुढ़की नगर की जनसंख्या (1,18,200) सबसे कम है।

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